हरिद्वार में दर्ज की गई भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) के तहत उत्तराखंड की पहली एफआईआर
हरिद्वारः तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम आज, 1 जुलाई 2024 से पूरे देश मे लागू हो गये हैं।। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेने वाली भारत की नई भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) के तहत पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है। राज्य की पहली एफआईआर थाना ज्वालापुर, हरिद्वार मे दर्ज की गई। जबकि देश की पहली एफआईआर ग्वालियर, मध्य प्रदेश में दर्ज की गई।
हरिद्वार के थाना ज्वालापुर मे आज सोमवार सुबह 10ः48 पर एक एफआईआर दर्ज की गई। जो कि राज्य की भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) के तहत की गई पहली एफआईआर है। विपुल भारद्वाज द्वारा थाना ज्वालापुर मे लिखित तहरीर दी गई जिसमें उनके द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि वह 1 जुलाई की रात्री 01ः45 पर हरिद्वार के रविदास धाट के पास बैठे थे। जहा। दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उन्हों चाकू दिखा कर जान से मारने की धमकी दी और साथ ही उनसे 1400 रुपये और मोबाईल लूट लिया। जिसके बाद आरोपियों ने विपुल को गंगा नदी की तरफ धक्का दे दिया और वहां से भाग गए।
हरिद्वार पुलिस पर द्वारा इस घटना पर एक्शन लिया है। जिस पर थाना ज्वालापुर ने पीड़ित विपुल की तहीर पर दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिसमें उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को बयान देते हुए स्पष्ट किया कि नए आपराधिक कानूनों के तहत पहला मामला ग्वालियर, मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया था। कमला मार्केट थाने में दर्ज मामला नए कानूनों के तहत दिल्ली में दर्ज किए गए पहले मामलों में से एक था। उन्होंने कहा, (नए कानूनों के तहत) पहला मामला ग्वालियर के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। यह चोरी का मामला था, किसी की मोटरसाइकिल चोरी हो गई थी। मामला रात 12.10 बजे दर्ज किया गया। जहां तक एक विक्रेता (दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज) के खिलाफ मामले का सवाल है, इसके लिए पहले भी प्रावधान थे और यह कोई नया प्रावधान नहीं है। पुलिस ने इसकी समीक्षा करने के लिए प्रावधान का इस्तेमाल किया और उस मामले को खारिज कर दिया।