By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Rastra Ki KhabarRastra Ki Khabar
  • राज्य
    • उत्तराखण्ड
    • उत्तर प्रदेश
    • दिल्ली
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • हिमांचल प्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • राजनीति
  • करियर
  • पर्यटन
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • अध्यात्म
  • रोचक तथ्य
Search
  • Advertise
© 2023Rastra Ki Awaz. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।
Share
Notification Show More
Latest News
चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।
उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में किया सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ।
उत्तराखण्ड
पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध यात्रा के दौरान ग्रामीणों से की  बातचीत, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर हुई विस्तृत चर्चा। 
उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश में पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित 15वें उत्तराखंड महाकौथिक, नोएडा में किया प्रतिभाग।
Uncategorized
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया हरिद्वार के बुग्गावाला में ‘मशरूम ग्राम’ का शुभारंभ, किसानों की आय बढ़ाने की नई पहल
उत्तराखण्ड
Aa
Rastra Ki KhabarRastra Ki Khabar
Aa
  • पर्यटन
  • राजनीती
Search
  • उत्तराखण्ड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
Follow US
  • Advertise
© 2023Rastra Ki Awaz. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Rastra Ki Khabar > Blog > उत्तराखण्ड > चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।
उत्तराखण्ड

चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।

Web Editor
Last updated: 2025/12/23 at 12:08 PM
Web Editor
Share
6 Min Read
SHARE

 चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।

यदि अभी से संपूर्ण हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण को केंद्र में रखकर कोई ठोस और दीर्घकालिक नीति नहीं बनाई गई, तो इसके गंभीर दुष्परिणाम भविष्य में सामने आ सकते हैं। यह बात वनाग्नि और मानव–वन्यजीव संघर्ष के विषय को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचे एक शोध दल के प्रत्यक्ष संवाद के दौरान उभरकर सामने आई। इस दौरान वन्यजीवों द्वारा मानव क्षति की बढ़ती घटनाओं को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश और भय का माहौल भी देखने को मिला।

शोध दल के प्रमुख ओम प्रकाश भट्ट ने बताया कि उनका संस्थान पिछले आठ वर्षों से वनाग्नि की रोकथाम को लेकर विभिन्न चरणों में जन-जागरूकता और अध्ययन अभियान चला रहा है। इन अभियानों के तहत ग्रामीणों से प्रत्यक्ष संवाद कर वन, पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण पर चर्चा की जाती है।

उन्होंने बताया कि इन आठ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में लोगों से बातचीत के दौरान लगभग हर जगह एक समान निष्कर्ष सामने आया है—लगातार लगने वाली जंगलों की आग, बदलती ग्रामीण जीवन शैली,वन क्षेत्रों में अतिक्रमण आदि कारणों ने वन्यजीवों को धीरे-धीरे बस्तियों की ओर आने के लिए मजबूर किया है। यदि अभी इस विषय पर जल्दी कुछ नहीं किया गया तो यह समस्या किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे हिमालयी क्षेत्र में व्यापक रूप से फैलने वाली  है।

 

 उन्होंने बताया कि,पहले जहाँ ग्रामीण केवल बंदर, लंगूर और जंगली सूअर से परेशान थे, वहीं अब भालू और गुलदार की बढ़ती आक्रामकता ने आम जनजीवन में भय और असुरक्षा का वातावरण पैदा कर दिया है। मानव–वन्यजीव संघर्ष का यह सिलसिला अब किसी एक घटना या क्षेत्र तक सीमित नहीं रह गया है।

ग्रामीण यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि निरंतर वनाग्नि के कारण जंगलों में वन्यजीवों के प्राकृतिक आहार में भारी कमी आई है, जिसके चलते वे भोजन की तलाश में बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। गहराई से देखें तो यह संघर्ष केवल मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव नहीं, बल्कि हमारी नीतिगत विफलताओं और पर्यावरणीय उपेक्षा का परिणाम है।

वन, जन और जीव—तीनों प्रकृति के ताने-बाने के अनिवार्य घटक हैं। यदि यह संतुलन टूटता है, तो उसका असर केवल वन्यजीवों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मानव अस्तित्व पर भी गहरा संकट खड़ा कर सकता है।

 

शोध दल की सदस्य मंगला कोठियाल ने बताया कि हाल के दिनों में भालू के हमलों की बढ़ती घटनाओं के कारण ग्रामीणों में यह भ्रांति भी फैल गई है कि वन विभाग द्वारा जानबूझकर पहले बंदरों को और अब गुलदार तथा भालुओं को अन्य क्षेत्रों से लाकर पहाड़ों में छोड़ा जा रहा है।

जब इस विषय पर ग्रामीणों से विस्तार से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि पहले बंदर इंसान को देखकर भाग जाते थे, लेकिन अब बिना डरे हमला करने लगे हैं। इसी तरह भालू पहले जंगलों तक सीमित रहते थे और यदा-कदा ही हमलावर होते थे, जबकि अब उनकी उपस्थिति और हमले लगातार बढ़ रहे हैं।

ग्रामीणों में दहशत का आलम यह है कि अब यदि दूर से भी गुलदार दिखाई दे जाए, तो पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बन जाता है, जबकि पहले इसे सामान्य घटना माना जाता था।

शोध दल के समन्वयक एवं चिपको आंदोलन की मातृ संस्था के मंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति में जन और जीव आमने-सामने खड़े हैं, और दोनों के लिए अनिवार्य वन स्वयं अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

आज पहाड़ों में जंगली सूअर द्वारा फसलों की व्यापक क्षति, बंदरों और लंगूरों का बढ़ता आतंक, तथा भालू और गुलदार की आक्रामकता ने मानव–वन्यजीव संघर्ष को और अधिक जटिल बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप यह समस्या अब एक गंभीर सामाजिक–पर्यावरणीय संकट का रूप लेने लगी है।

पर्यावरणीय दृष्टि से यह स्थिति केवल तात्कालिक संकट नहीं, बल्कि संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र में गहरे असंतुलन की ओर संकेत कर रही है। प्राकृतिक आवासों में हो रहे निरंतर बदलाव, भोजन की कमी और मानव अतिक्रमण ने वन्यजीवों को बस्तियों की ओर आने को विवश किया है, जहाँ आमने-सामने की स्थिति में मानव प्रायः असुरक्षित सिद्ध हो रहा है।

यदि अभी से ग्रामीणों को साथ लेकर, वनाग्नि रोकथाम, आवास संरक्षण और वैज्ञानिक अध्ययन आधारित दीर्घकालिक नीति पर गंभीरता से अमल नहीं किया गया, तो भविष्य में यह समस्या और अधिक विकराल रूप ले सकती है, जिससे पार पाना संभव नहीं होगा।

 

तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से संवाद किया।यात्रा का समापन खंसर क्षेत्र के दूरस्थ गाँव देवपुरी में महिपाल सिंह कंडारी क्षेत्र पंचायत की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

यात्रा में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के वन दरोगा सतीश कुमार,मोहित शुक्ला, खड़क सिंह मुन्नी बिष्ट,गैरसैंण फायर सर्विस के  प्रभारी शौकीन सिंह रमोला, धर्मेंद्र कंडारी, फायर मैन योगेश सिंह सहित चतुर सिंह चतुरा पूर्व छात्र नेता सहित कई लोग मौजूद थे

You Might Also Like

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में किया सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ।

पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध यात्रा के दौरान ग्रामीणों से की  बातचीत, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर हुई विस्तृत चर्चा। 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया हरिद्वार के बुग्गावाला में ‘मशरूम ग्राम’ का शुभारंभ, किसानों की आय बढ़ाने की नई पहल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस पर शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर वीर बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि।

सूचना कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित की गई इंडोर खेल प्रतियोगिता, विजेता प्रतिभागियों को महानिदेशक सूचना ने प्रदान किये पुरस्कार।

Web Editor December 23, 2025
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में किया सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ।
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100 Followers Like
100 Followers Follow
100 Followers Follow
100 Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow

Latest News

चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।
उत्तराखण्ड December 23, 2025
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में किया सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ।
उत्तराखण्ड December 22, 2025
पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध यात्रा के दौरान ग्रामीणों से की  बातचीत, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर हुई विस्तृत चर्चा। 
उत्तराखण्ड December 21, 2025
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश में पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित 15वें उत्तराखंड महाकौथिक, नोएडा में किया प्रतिभाग।
Uncategorized December 20, 2025

Recent Posts

  • चमोली: पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध दल ने झुमाखेत उतरी, झुमखेत मल्ली,नैल के ग्रामीणों से किया संवाद।
  • मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में किया सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ।
  • पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर द्वारा वनाग्नि रोकथाम और मानव एवं वन्यजीव संघर्ष शोध यात्रा के दौरान ग्रामीणों से की  बातचीत, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर हुई विस्तृत चर्चा। 
  • मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश में पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित 15वें उत्तराखंड महाकौथिक, नोएडा में किया प्रतिभाग।
  • मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया हरिद्वार के बुग्गावाला में ‘मशरूम ग्राम’ का शुभारंभ, किसानों की आय बढ़ाने की नई पहल

Most Viewed Posts

  • Bihar : भागलपुर में बोर्ड पर डिस्प्ले हुआ अश्लील मैसेज (936)
  • यंग उत्तराखंड सिने अवॉर्ड में चला युवा लोकगायक विवेक नौटियाल की आवाज का जादू, ‘उड़िजा चखुली ‘गीत के लिए जीता सर्वश्रेष्ठ गायक का खिताब। (841)
  • मुंबई में सामने आया श्रद्धा हत्या कांड जैसा एक और मामला, हत्या के बाद शव के किए टुकड़े (598)
  • चमोली : विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी की 75वीं पुण्यतिथि पर जिला मुख्यालय गोपेश्वर में पूर्व सैनिक लीग के तत्वावधान में आयोजित किया गया कार्यक्रम। (577)
  • अब सामने आया Game Jihad, ऑनलाइन गेम के जरिए संपर्क में आए नाबालिक का किया धर्मांतरण (549)
Rastra Ki KhabarRastra Ki Khabar
Follow US

© 2023Rastra Ki Awaz. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?