अजित डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है। पीएम मोदी ने डोभाल को तीसरी बार ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। नई सरकार के गठन के बाद मोदी सरकार ने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया। इसके बाद अब एनएसए और पीएम के सचिव को लेकर घोषणा की गई है।
नई दिल्ली : अजित डोभाल को एक बार फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है। डोभाल को लगातार तीसरी बार यह जिम्मेदारी दी गई है। मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि डोभाल को फिर से यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी या कोई और इस पद पर आएगा। हालांकि, मोदी ने एक बार फिर से अपने पुराने तुरुप के इक्के पर ही भरोसा जताया है। 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने डोभाल को पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। 2019 में उन्हें एक बार फिर से पांच साल के लिए इस पद पर नियुक्ति दी गई थी।
पीएम मोदी ने क्यों जताया भरोसा?
पिछले एक दशक में डोभाल ने मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। 2014 में, अजीत डोभाल ने इराक के तिकरित में एक अस्पताल में फंसी 46 भारतीय नर्सों की रिहाई सुनिश्चित की। वे एक शीर्ष-गुप्त मिशन पर गए और 25 जून, 2014 को इराक गए, ताकि जमीनी स्थिति को समझ सकें। 5 जुलाई 2014 को नर्सों को भारत वापस लाया गया। भारत की तरफ से सितंबर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और फरवरी 2019 में पाकिस्तान में सीमा पार बालाकोट हवाई हमले डोभाल की देखरेख में किए गए थे। उन्होंने डोकलाम गतिरोध को समाप्त करने में भी मदद की। इसके अलावा पूर्वोत्तर में उग्रवाद से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाए। 1945 में उत्तराखंड में जन्मे, वे भारत के सबसे कम उम्र के पुलिस अधिकारी थे जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। यह सैन्य कर्मियों के लिए एक वीरता पुरस्कार है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्या होता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का वरिष्ठ अधिकारी होता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और रणनीतिक मामलों पर भारत के प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। ये भारत के प्रधानमंत्री के विवेक पर काम करते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) को भारत के आंतरिक और बाहरी खतरों और अवसरों से संबंधित सभी मामलों पर नियमित रूप से प्रधानमंत्री को सलाह देने का काम सौंपा गया है। NSA के कार्य पोर्टफोलियो में प्रधानमंत्री की ओर से रणनीतिक और संवेदनशील मुद्दों की देखरेख करना शामिल है। भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चीन के साथ प्रधानमंत्री के विशेष वार्ताकार और सुरक्षा मामलों पर पाकिस्तान और इजराइल के दूत के रूप में भी कार्य करता है। भारत सरकार ने 2019 में एनएसए अजित डोभाल को एनएसए बनाने के साथ ही कैबिनेट रैंक दिया था।