चमोली: गैरसैंण (भराड़ीसैंण) विधानसभा सत्र के दौरान सड़क की मांग को लेकर पुलिस से भीड़ी ग्रामीण महिलाएं
उत्तराखंड कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में तीन दिवसीय विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भराड़ीसैंण के निकटवर्ती गाँव चोरड़ा की महिलाओं ने भराड़ीसैंण में उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज किया। इन ग्रामीण महिलाओं की मांग है कि, भराड़ीसैंण से चोरड़ा गाँव तक सड़क पहुँचनी चाहिए। इसी माँग की लेकर महिलाएं हाथों में बैनर लिए धामी सरकार से गुहार लगाती दिखी। महिलाएं विधानसभा कूच के लिए आगे बढ़ ही रही थी कि पुलिस ने उन्हें भराड़ीसैंण में ही रोक दिया। इन दौरान इन महिलाओं की पुलिस से झड़प भी हो गई। महिलाओं की मांग थी कि यदि उन्हें विधानसभा कुच नहीं करने दिया जा रहा है तो उनका ज्ञापन लेने कोई वरिष्ठ अधिकारी आए। हालांकि पुलिस ग्रामीण महिलाओं को समझती रही। इन महिलाओं का कहना है कि भराड़ीसैंण से ग्राम चोरड़ा तक सड़क पहुँचाने के लिए कई बार मांग कर चूकि है। सरकार की ओर से हरबार इन्हें ढकोसला दिया जाता है। और ग्रामीणों को दिखाने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से सर्वे किया जाता है लेकिन उसके बाद इसमें आगे की कार्रवाई नहीं कि जाती है।
वहीं ग्रामीणों की मांग पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता,तहसीलदार कर्णप्रयाग व अन्य अधिकारियों को सूचित किया। जिसके बात लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने ग्रामीण महिलाओं को आश्वासन दिया। जिसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी ग्रामीण महिलाओं को समझाने बुझाने का प्रयास क्या। फिर भी ग्रामीण महिलाएं अपनी मांगो पर अड़िग रही। इसके बाद वे विधायक से मिलने की मांग करने लगे। हालांकि स्थानीय विधायक अनिल नौटियाल सत्र में व्यस्त होने के चलते नहीं मिल पाए। जिसके बाद पुलिस ने ग्राम प्रधान चोरड़ा विनीता देवी से बात और कहां कि वे एक प्रतिनिधिमंडल महिलाओं का बनाये जिसके बाद आपको विधायक से मिलवाया जाएगा। वहीं ग्राम प्रधान विनीता देवी ने कहां कि, हमारे स्कूल के छोटे बच्चों को चार किलोमीटर पैदल की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। और यह रास्ता जंगल का रास्ता है जिस से जंगली जानवरों का खतरा लगातार बना रहता है। और स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण कंधे में रखकर मरीजों को यहां तक लाना पड़ता है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द हमारे गाँव में चार किलोमीटर मोटरमार्ग बने।