चमोली: 14 वर्षों बाद बन्याथ यात्रा हेतु गर्भ गृह से बाहर आयी श्री गोलगोविन्द गुणसाँई माँ राज राजेश्वरी चंडिका, 11 सिंतबर से 10 माह की बन्याथ(भ्रमण यात्रा) पर प्रस्थान करेगी देवी।
14 वर्षों के बाद श्री राज राजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा आज से शुरू हुई। क्षेत्र की आराध्य देवी के आज गर्भ गृह से बाहर आने पर सैकड़ो की संख्या में भक्त मौजूद रहे ।
पौराणिक परंपरा के अनुसार चार गांवों से ऐरवाला(देवी के पश्वा) और बालदेव (गोविंद भगवान के पश्वा) बन्याथ यात्रा से पूर्व चंडिका मंदिर मे लाने की परंपरा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत टकोला, उपाध्यक्ष मलक सिंह नेगी, महा सचिव देवैंद्र रावत, कोषाध्यक्ष ईंद्र सिंह नेगी, उप सचिव कृष्णा नेगी, पुजारी प्रदीप गैरोला, कृष्णा गैरोला, कांति गैरोला, मनोज गैरोला ने बताया कि भाद्र माह की संक्रांति को बालदेव और देवी के ऐरवालों के मंदिर मे पहुंचने से देवी की बन्याथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। बताया कि 16 अगस्त से प्रतिदिन इनकी पूजा-अर्चना नियमित रूप से छह सितंबर तक की गई। तथा सात सितंबर को ऐरवालों का मुंडन संस्कार और अभिषेक पूजा करने के बाद देवी को गर्भगृह से यात्रा के लिए विधि-विधान के साथ बाहर आ गई। तथा तीन दिनों तक मंदिर मे देवी की दुर्गा सप्तशती पूजा, ब्रह्मबंधन आदि धार्मिक प्रक्रियाऐं पूरी होने पर 11 सितंबर से देवी 10 माह की बन्याथ(भ्रमण यात्रा) पर निकलेगी। मिली जानकारी के अनुसार 10 महीनों तक गढ़वाल के 6 जिलों के कई गांवों में माँ चण्डिका भ्रमण कर अपने भक्तों को दर्शन देगी और सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद भी देगी ।