चमोली: जिलाधिकारी ने पेश की सादगी की मिशाल, न घोड़ी, न बैंड बाजा… फिर भी दूल्हा बने डीएम।
Chamoli IAS Ki Shaddi: चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी की सादगी लोगों के लिए मिसाल बन गई है. संदीप तिवारी ने पहले कोर्ट मैरिज की और फिर मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया।
चमोलीः वैसे तो शादी एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके जरिए लोग अपना दबदबा, अपनी लोकप्रियता समाज को दिखाते हैं. खासतौर पर बड़े अधिकारी शादी में जिस तरह से व्यवस्था करते हैं और अपना लाव-लश्कर रखते हैं, उसकी चर्चा खूब होती है. लेकिन इसके ठीक उलट एक ऐसी शादी की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है, जो सादगी से भरपूर है और लोगों के लिए एक मिशाल है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली जिले के डीएम साहब की, जिन्होंने हाल ही में शादी की और जिंदगी की नई पारी की शुरुआत की. बड़ी सादगी के साथ डीएम चमोली ने शादी की है.
पहले कोर्ट मैरिज फिर मंदिर में शादी
उन्होंने पहले कोर्ट मैरिज की और फिर मंदिर गए. भगवान गोपीनाथ का डीएम चमोली ने आशीर्वाद लिया. पत्नी पूजा डालाकोटी के साथ आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अब चर्चा जिले में खूब हो रही है. उनकी पत्नी पूजा डाला कोटी का मानना है कि शादी दो परिवारों का मिलन और विचारों का मिलन है. इसलिए उनका ही फैसला था कि शादी मंदिर में हो. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने पहले कोर्ट में शादी की और उसके बाद दोनों ही पति-पत्नी बड़ी सादगी के साथ भगवान गोपीनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचे.
जिलाधिकारी की शादी की चर्चा जोर पर
चमोली के जिला अधिकारी संदीप तिवारी की शादी की चर्चा इसलिए भी हो रही है कि लोगों का मानना है कि एक प्रशासनिक अधिकारी, जो की अपनी शादी बड़ी ही धूमधाम से करता है. लेकिन उन्होंने शादी की को बड़े सरलता पूर्वक संपन्न किया और उसके बाद भगवान गोपीनाथ मंदिर में पहुंचकर भगवान गोपीनाथ का आशीर्वाद दिया. इससे पता चलता है कि उनकी सादगी उनकी सबसे बड़ी पहचान है. लोगों का कहना है कि भविष्य में युवाओं को भी उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है. शादी की चकाचौंध से दूर अपने रीति-रिवाज और भगवान को साक्ष्य मानकर अपने दांपत्य जीवन की शुरुआत करनी चाहिए.
हिमाचल के रहने वाले हैं संदीप तिवारी